Friday, June 25, 2010

Nisha Nimantran - Deepak par parvane aaye - Dr. Bachchan

दीपक पर परवाने आए!

अपने पर फड़काते आए,
किरणों पर बलखाते आए,
बड़ी-बड़ी इच्छाएँ लाए, बड़ी-बड़ी आशाएँ लाए!
दीपक पर परवाने आए!

जले ज्वलित आलिंगन में कुछ,
जले अग्निमय चुंबन में कुछ,
रहे अधजले, रहे दूर कुछ, किंतु न वापस जाने पाए!
दीपक पर परवाने आए!

पहुँच गई बिस्तुइया सत्वर
लिए उदर की ज्वाल भयंकर,
बचे प्रणय की ज्वाला से जो, उदर-ज्वाल के बीच समाए!
दीपक पर परवाने आए!

No comments:

Post a Comment