Friday, June 25, 2010

Nisha Nimantran - Tune kya sapna dekha hai - Dr. Bachchan

तूने क्या सपना देखा है?

पलक रोम पर बूँदें सुख की,
हँसती सी मुद्रा कुछ मुख की,
सोते में क्या तूने अपना बिगड़ा भाग्य बना देखा है।
तूने क्या सपना देखा है?

नभ में कर क्यों फैलाता है?
किसको भुज में भर लाता है?
प्रथम बार सपने में तूने क्या कोई अपना देखा है?
तूने क्या सपना देखा है?

मृगजल से ही ताप मिटा ले
सपनों में ही कुछ रस पा ले
मैंने तो तन-मन का सपनों में भी बस तपना देखा है!
तूने क्या सपना देखा है?

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